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कोविड की अगली लहर भटक सकूं न हृदय विचित्र सृष्टि गरल-पीयूष एक सागर से सदृश उपमान नवरस प्रभु पर श्रद्धा निकट बच्चे होते हैं ईश्वर के व्याकुल सुरभित प्रियतमा हिंदी कविता विलियम वर्ड्सवर्थ भरोसा प्रभु पर सद्व्यवहार प्रतिरक्षण तंत्र बच्चों का सुख-दुख में समभाव करें शुभ कर्म

Hindi पीयूष सदृश Poems